जाने क्यों तेरी मति भ्रष्ट हुई,चल दिया सीता हरण करने को! जाने क्यों तेरी मति भ्रष्ट हुई,चल दिया सीता हरण करने को!
घास का बोझा उठाये, पग पग चलती जाती। उत्तर देती समाज द्वारा उठाये प्रश्नों का। घास का बोझा उठाये, पग पग चलती जाती। उत्तर देती समाज द्वारा उठाये प्रश्नों का...
सम्मान करो, अपमान नहीं जिंदगी को खुशियों से भरने वाली है। सम्मान करो, अपमान नहीं जिंदगी को खुशियों से भरने वाली है।
खुश नसीब है वो जिनके नसीब में माँ बहन आती है। खुश नसीब है वो जिनके नसीब में माँ बहन आती है।
जिंदगी दाँव पर तो लगी ही हुई, मान लो वह अगर रोज लिखता रहे..! जिंदगी दाँव पर तो लगी ही हुई, मान लो वह अगर रोज लिखता रहे..!
अति तो अच्छे की भी बुरी है, दारू भी कहाँ अब खरी है... अति तो अच्छे की भी बुरी है, दारू भी कहाँ अब खरी है...